बालासोर ट्रेन हादसा : हादसे के 51 घंटे बाद ट्रैक पर पहली ट्रेन रवाना, 48 घंटे बाद जिंदा मिला युवक

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बालासोर : ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे वाले ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा हो गया है। रविवार देर रात से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। उधर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दो जून से बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन में ही रुके। राहत-बचाव और मरम्मत कार्य देखा।

हादसे के 51 घंटे बाद ट्रैक पर जब पहली ट्रेन रवाना की गई, तब रेल मंत्री हाथ जोड़कर खड़े देखे गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अभी हमारी जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई। हमारा लक्ष्य लापता लोगों को खोजना है। यह कहकर वे भावुक हो गए।

वहीँ, हादसे के 48 घंटे बाद रविवार रात घटनास्थल से एक यात्री जिंदा मिला। हादसे के वक्त वह बोगी से निकलकर झाड़ियों में गिरकर बेहोश हो गया था। युवक की पहचान असम के रहने वाले डिलाल के रूप में हुई है।उसे तुरंत रेस्क्यू करके इलाज के लिए भेजा दिया गया, जहां उसे होश भी आ गया। घटना में उसका फोन और वॉलेट गायब हो गया।

ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार सुबह दावा किया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। हादसे में 1175 लोग घायल हुए, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।

इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि हमारे पास हादसे में जान गंवाने वालों की लिस्ट बढ़ रही, लेकिन उनके पास घट रही है। हादसे में पश्चिम बंगाल के 162 लोगों की जान गई है।अब तक पूरी लिस्ट नहीं मिल पाई है। बहुत से ऐसे लोग भी यात्रा करते हैं जो लिस्ट में नहीं होते। 182 शवों की अब तक पहचान नहीं हुई है।

जानिए हादसे से जुड़े 3 बड़े बयान

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम को कहा, अब तक जो जानकारी मिली है उसके बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से इस मामले की CBI जांच की सिफारिश की गई है।

रेल मंत्री वैष्णव ने रविवार शाम को बालासोर में कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। जिम्मेदारों की पहचान भी कर ली गई है।’

रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में कहा कि शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।

हादसे में मारे गए लोगों की संख्या पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि हमारे पास हादसे में जान गंवाने वालों की लिस्ट बढ़ रही, लेकिन उनके पास घट रही है। हादसे में पश्चिम बंगाल के 162 लोगों की जान गई है। अब तक पूरी लिस्ट नहीं मिल पाई है। बहुत से ऐसे लोग भी यात्रा करते हैं जो लिस्ट में नहीं होते। 182 शवों की अब तक पहचान नहीं हुई है।

हादसा 2 जून को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर हुआ था। रेलवे अधिकारियों ने बताया था कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डिरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।