2 करोड़ 56 लाख की शासकीय राशि बंदरबाट करने वाले कटघोरा

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  • पोंडी के 64 पंचायतों पर कार्यालय उपसंचालक पंचायत मेहरबान
  • लिखित शिकायत के 4 माह बाद भी नहीं करा सके समायोजन
  • 2019 -20 के वार्षिक ऑडिट टीप में  अनियमितता 
  • जिला पंचायत की कार्यशैली पर भी उठे सवाल,शासन से शिकायत नपेंगे जिम्मेदार

कोरबा//
कार्यालय उपसंचालक पंचायत 2 करोड़ 56 लाख 9 हजार 86 रुपए की शासकीय राशि का बंदरबाट करने वाले जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा,कटघोरा एवं कोरबा के 64 ग्राम पंचायतों पर मेहरबान हैं। इन ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिवों द्वारा आवैद्यानिक तरीके से उक्त राशि का आहरण कर शासन को राजस्व क्षति पहुंचाई गई है। वित्तीय वर्ष 2019 -20 के वार्षिक आडिट टीप (अंकेक्षण रिपोर्ट ) में उक्त व्यय आक्षेप का खुलासा हुआ। करोड़ों रुपए का बंदरबाट करने वाले पंचायतों से उक्त शासकीय धनराशि का समायोजन कराए जाने कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को पत्र लिखे जाने के 4 माह बाद भी कार्यालय उपसंचालक पंचायत समायोजन नहीं करा सका।
शासकीय राशि का बंदरबाट करने वाले पंचायतों पर मेहरबान अधिकारियों की कार्यशैली पर जहां सवाल उठ रहे वहीं प्रकरण की शिकायत राज्य शासन से की गई है। प्रकरण में जिम्मेदार जल्द नपेंगे। यहां बताना होगा कि ग्राम पंचायतों को ग्राम विकास के लिए केंद्र शासन विभिन्न मदों से जनसंख्या के अनुपात में फंड (राशि)प्रदान की जाती है। इनमें मनरेगा ,मूलभूत से लेकर 14 वें ,15वें वित्त मद ,प्रमुख रूप से शामिल हैं। पंचायतों में विभिन्न मदों से कराए गए कार्यों का कार्यालय उप संचालक पंचायत के अंकेक्षक ऑडिट करते हैं।
वर्तमान समयावधि में कार्यों की अधिकता की वजह से कुछ पंचायतों की ऑनलाईन ऑडिट भी की जाती है। जिसमें ऑडिटरों द्वारा जांच के दौरान व्यय पक्षों (खर्च का ब्यौरा)संतुष्टिजनक ,नियमानुसार नहीं पाए जाने पर आक्षेप की जाती है। इस व्यय आक्षेप में दर्शाई गई राशि का पंचायतों को निर्धारित समयावधि के भीतर समायोजन करना रहता है। लेकिन भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुके कोरबा जिले के पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के 35 कटघोरा के 29 ,एवं कोरबा के 3 कुल 64 ग्राम पंचायतों में 2019 -20 के आडिट टीप में 2 करोड़ 56 लाख 9 हजार 86 रुपए के व्यय आक्षेप निकाली गई है। इन पंचायतों में उक्त करोड़ों रुपए की शासकीय राशि का बंदरबाट कर शासन को क्षति पहुंचाई गई है।
कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को 2 मई एवं 9 मई 2022 को पृथक पृथक पंचायतवार पत्र प्रस्तुत कर 15 दिवस के भीतर विशेष टीम गठित कर उक्त शासकीय धनराशि का समायोजन कराए जाने अनुरोध किया गया था । लेकिन निर्धारित मियाद के एक माह बाद भी कोई पहल नहीं की गई। लिहाजा कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को दिनांक 18 जुलाई 2022 को पुनः स्मरण पत्र प्रस्तुत कर 5 दिवस के भीतर विशेष टीम गठित कर उक्त शासकीय धनराशि का समायोजन कराए जाने अनुरोध किया गया था ।जिसमें उल्लेख किया गया था कि उक्त मियाद में शासकीय धनराशि का व्यय आक्षेप पत्र में दर्शाई गई बिंदुओं के आधार पर समायोजन कर की गई कार्रवाई की प्रति उपलब्ध नहीं कराए जाने पर जिला कार्यालय की संलिप्तता मानी जाएगी ।
लेकिन इसके बावजूद आज पर्यन्त न कार्यालय उपसंचालक पँचायत उक्त राशि का समायोजन करा सका न ही कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने सार्थक पहल की । दोनों विभागों के प्रश्रय से शासकीय धनराशि के गनबनकारी सरपंच सचिव मौज कर रहे। प्रकरण की शिकायत ,पंचायत मंत्री , प्रमुख सचिव पँचायत विभाग से की गई है। प्रकरण में कार्यालय उप संचालक पंचायत से उनका पक्ष जानने उनसे संपर्क किया गया। कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका है।
पाली ,कोरबा ,करतला के 162 पंचायतों की ऑडिट टीप गायब , प्रथम अपील में भी नहीं मिला न्याय ,ऑडिटरों की भूमिका है सन्दिग्ध !
ऑडिट टीप की एक प्रति कार्यालय उप संचालक पंचायत एवं एक प्रति पंचायतों के पास रहती है । लेकिन पाली ब्लॉक के 79 ,करतला के 58 एवं कोरबा के 25 कुल 162 ग्राम पंचायतों की ऑडिट टीप दोनों जगह नहीं होने की बात कही जा रही। तो क्या इन ग्राम पंचायतों का आज पर्यंत ऑडिट नहीं हुआ यदि हुआ है तो ऑडिट टीप कहाँ छुपा दी गई। निश्चित तौर पर पूरे प्रकरण में पंचायत सचिवों के साथ साथ ऑडिटरों की भूमिका संदेह के दायरे में है।प्रकरण में कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पँचायत में प्रथम अपील प्रस्तुत की गई है।जहां निर्धारित मियाद भी समाप्त हो गई है लेकिन आज पर्यन्त प्रकरण में आदेश पारित नहीं हुआ। जिसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग से की जा रही है।
कार्यालय जिला पंचायत, उप संचालक पंचायत की जुगलबंदी से भष्ट्र पंचायतों को मिल रहा पनाह ,सीएम आगमन पर उठेंगे सवाल
पोंडी ,कटघोरा कोरबा ब्लॉक के 64 पंचायतों द्वारा दबाई गई शासकीय धन राशि के रिकवरी की लिखित शिकायत के 4 माह बाद भी कार्रवाई नहीं होना कहीं न कहीं इस बात पर बल दे रहा है कि कार्यालय जिला पंचायत ,कार्यालय उप संचालक पंचायत की जुगलबंदी भष्ट्र पंचायतों को पनाह दे रही है। जल्द ही मुख्यमंत्री का कोरबा आगमन होने वाला है ऐसे में ऐसे अधिकारियों के कार्यशैली की सीएम के समक्ष अगर लिखित शिकायत हो तो कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी। कार्यालय उप संचालक पंचायत में अर्से से कई अंकेक्षक जमे हैं जो पूरे विभाग की व्यवस्था को कहीं न कहीं अपने नियंत्रण में ले रखे हैं। निश्चित तौर पर कोरबा की साफ सुथरी छवि बनाए रखने वर्तमान में जारी तबादला नीति में ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के अन्यत्र स्थानातंरण की दरकार है।
इन ग्राम पंचायतों के व्यय आक्षेप का नहीं हो हुआ समायोजन ,शिकायत के बाद भी कार्रवाई शून्य
पंचायत –                       व्यय आक्षेप राशि
सिमगा –                       3,13,264 /-
सिंधिया –                      7,80,758/-
सलिहाभांठा-                   3 ,11,000/-
पुटुवां –                         1,28,000/-
रावा –                          1,60,000/-
रिंगनिया –                     8,12,100/-
साखो –                         1,36,120
पुटीपखना –                    2,05,500/-
पाथा-                          2,46,720/-
पतुरियाडांड-                   4,63,031/-
पिपरिया-                      1,00000/-
पोंडीकला-                     2,10,000/-
पाली –                        5,90,002/-
मदनपुर –                     2,00000/-
कुम्हारीदर्री –                 98,000/-
लमना-                       7,33,100/-
मड़ई –                        1,67,000/-
नवापारा-                     9,31,000/-
मिसिया-                     38,440/-
मानिकपुर-                   3,20,880/-
कर्री –                        3,35,279/-
केंदई-                        1,96,320/-
केशलपुर-                    77,000/-
कटोरीनगोई-                 1,80,000/-
रामपुर (तानाखार)-          2,17,600/-
तनेरा-                        9,58,540/-
सिर्री –                        2,68,000/-
सारिसमार-                   2,99,010/-
सासीन-                      2,95,600/-
सेमरा-                       7,68,400/-
कारीमाटी –                  5,83,942/-
कोरबी( सिंधिया )-         3,00000/-
लाद-                        3,79,550/-
कोडगार –                   9,93,498/-
कुल्हरिया –                  24,000/-
जेंजरा –                      2,08,191/-
झाबर –                       9,12,746/-
कोलिहामुड़ा-                 9,21,300/-
लोतलोता-                   1,15,400/-
मौहाडीह –                   8,88,310/-
मोहनपुर –                   1,11,950/-
मुढाली-                      7,44,000/-
नवागांव कला-              5,08,310/-
पंडरीपानी-                   35,310/-
रंगबेल –                     6,10,000/-
विजयपुर                    1,64,000/-
चाकाबुड़ा –                   51,010/-
बिरदा –                      41,959/-
बतारी –                    1,75,531/-
बाता –                     2,50,946/-
अरदा –                   4,85,300/-
अखरापाली-             3,42,790/-
सलोरा (ख)-           3,67,500/-
शुक्लाखार-              41,695/-
सिंघाली –                 3,03,150/-
तेलसरा –                81,048/-
जवाली-                2,97,120/-
गंगदेई-               53,894/-
डोंगरी –                 97,600/-
ढपढप-                   29,900/-
धनरास –               16,59,472/-
दर्री –                   80,550/-
देवरी-                   23,800/-
अरसेना-                22,34,500/-
बड़गांव –               3,90,000/-
लेमरू –                3,60,150/-