राज्य सरकार हाथी के रिजर्व के लिए करोड़ों खर्च कर रही हैं।
कटघोरा DFO की उदासीनता से हाथियों पर हो रहा अत्याचार।
हाथी के संरक्षण के लिए DFO द्वारा हो रहा सिर्फ खाना पुर्ति।
कोरबा। जिले के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान रेंज के ग्राम बनिया में हाथी के 1 साल के बच्चे को मार कर दफन करने के मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले का मुख्य आरोपी जनपद सदस्य कोमल सिंह निकला, वह अभी फरार बताया जा रहा है
हाथियों से परेशान ग्रामीणों ने बनाई मारने की योजना
बताया जा रहा है कि पसान रेंज में हाथियों का काफी आतंक है। हाथियों का झुण्ड ग्रामीण इलाकों में आता है और लोगों की फसल चट कर जाता है। इससे परेशान ग्रामीणों ने हाथियों को मारने की योजना बनाई। आरोप है कि लोगों ने इलाके के जनपद सदस्य कमलभान सिंह के साथ मिलकर इसके लिए रणनीति तैयार की। इसीके तहत 20-21 अक्टूबर की रात महुआ और धान में कीटनाशक दवा मिलाकर रख दिया गया, जिसे संभवतः हाथी के बच्चे ने खा लिया और उसकी मौत हो गई। बाद में ग्रामीणों ने मृत हाथी के बच्चे को दफना दिया।
इस तरह खुला हाथी की मौत का राज
इधर जिस जमीन में हाथी के शव को दफनाया गया था, वह जमीन उपजाऊ नहीं बल्कि पड़त भूमि थी और वहां कोई फसल लगाई नहीं जाती, मगर ग्रामीणों ने इस जमीन पर धान की फसल का थरहा लगा था। जब कुछ ग्रामीणों ने इस बंजर जमीन पर धान की फसल देखी तो उन्हें अचरज हुआ। जिज्ञासावश वे भूमि की पड़ताल करने लगे। जब कुछ अलग महसूस हुआ तो मिट्टी को हटाया गया। नीचे जमीन पर जब हाथी के अंग नजर आए तो इसके तत्काल वन अमले को सूचना दी गई। इस तरह हाथी को मारकर दफ़नाने का राज खुल गया।
भनक तक नहीं लगी वन अमले को
पसान क्षेत्र में मौजूद हाथियों पर लगातार निगरानी रखने का दावा करने वाले वन अमले को इस बात की भनक तक नहीं लग सकी कि हाथी का एक बच्चा झुण्ड से गायब है। हाथी अपने बच्चे को संरक्षण देते हुए साथ रखते हैं और अपने से अलग नहीं करते, लेकिन एक बच्चे के गायब हो जाने की जानकारी नहीं हो पाना वन अमले की बड़ी चूक है और यह वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
मुख्य आरोपी मौके से फरार
इस पूरे मामले में मुख्य भूमिका इलाके के जनपद सदस्य कोमल सिंह की बताई जा रही है, जो कार्रवाई की भनक लगते ही फरार हो गया है। वन अमले ने हाथी के बच्चे की हत्या के मामले में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत 12 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है, वहीं मुख्य आरोपी फ़िलहाल फरार है।
किशोर को भी भेजा गया जेल..?
इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि वन विभाग द्वारा कार्रवाई को लेकर जो प्रेस नोट जारी किया गया है, उसमे एक आरोपी की उम्र 16 वर्ष बताते हुए उसके नाम का भी उल्लेख किया गया है, वहीं सभी 12 आरोपियों को जेल भेजे जाने की भी जानकारी दी गई है। प्रेस नोट पर अगर भरोसा करें तो आरोपी 16 वर्षीय किशोर को भी जेल दाखिल कर दिया गया है, जबकि 18 वर्ष से काम उम्र के आरोपियों को “विधि से विरुद्ध संघर्षरत बालक” मानते हुए किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत किया जाता है। इस मामले में वन विभाग का पक्ष जानने के लिए कटघोरा वन मंडल की DFO प्रेमलता यादव से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया मगर उनका ऑफिसियल नंबर कवरेज एरिया से बाहर आता रहा।