कोरबा। (Qन्यूज़ 24)
तेज रफ्तार ट्रेलर ने कार को टक्कर मार दी। कार के परखच्चे उड़ गए, वहीं गम्भीर रूप से घायल एसईसीएल कर्मी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सड़क दुर्घटना नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन कराने की लगातार कोशिशों के बीच बड़े वाहनों की रफ्तार थम नहीं रही है। बड़े वाहनों की रफ्तार की जांच अभी भी औपचारिकता बनी हुई है जिसके कारण इन पर लगाम नहीं लग पा रही है।
हालिया घटनाक्रम में एसईसीएल कर्मी ऊर्जानगर गेवरा प्रोजेक्ट क्वार्टर नंबर-4 के निवासी तुलसी देवांगन की कार शनिवार शाम 5 बजे बांधाखार में ट्रेलर से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। तुलसी देवांगन अपनी कार में सवार होकर खुद चलाते हए जा रहा था कि ट्रेलर ने टक्कर मार दिया। तुलसी देवांगन स्टेयरिंग में फंस गया और उसे काफी अंदरूनी चोटें आईं। फंसे होने के कारण बड़ी मुश्किल से स्थानीय ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला और डायल 112 की मदद से पाली के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां से नेहरू शताब्दी चिकित्सालय गेवरा लाया गया किंतु हालत गम्भीर होने पर कोरबा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
अनफिट वाहन भी सड़क पर दौड़ रहे, कार्यवाही के लिए समन्वय का अभाव
अधिकांश भारी वाहन अभी तो बिना हेल्पर रखे ही चलवाये जा रहे हैं। भारी वाहनों के मालिक हेल्पर का पैसा बचाने के लिए ऐसा करते हैं लेकिन इसका भी दुष्प्रभाव हादसों के रूप में सामने आता रहता है। बिना हेल्पर के गाड़ी अनलोड करने, गाड़ी आगे-पीछे करने में हादसे हुए हैं लेकिन पुलिस ऐसे मामलों में भी गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज कर इतिश्री कर रही है जबकि ऐसे बिना हेल्पर वाले वाहनों के मालिक पर भी एफआईआर होना चाहिए। आईपीसी की धाराओं में कहीं न कहीं लचीलेपन का या इन्हें अपने अनुसार उपयोग करने/कराने का लाभ उठाया जा रहा है। अनेक अनफिट भारी वाहन भी सड़कों पर मौत बनकर दौड़ते रहते हैं जिनकी जांच और सख्त कार्यवाही परिवहन व पुलिस विभाग से अपेक्षित है। अधिकतर मामलों में आपसी समन्वय की कमी का फायदा भी उठाया जा रहा है।