डीएफओ सहित विभाग की कार्यप्रणाली पर निष्क्रियता का आरोप
मौत के बाद चुपके से ग्रामीणों ने दफनाया,
जब तक जागा वन विभाग तब तक हो चुकी थी देर
पुख्ता कार्यवाही के बजाय खानापूर्ति
कटघोरा।
वनमंडल के पसान परिक्षेत्र में हाथी की मौत के बाद वन विभाग की कार्यशैली व निष्क्रियता को लेकर सवाल खड़े हुए है। चर्चा है कि हाथी को जहर देकर मारा गया है।
लेकिन इस ओर कोई पुख्ता कार्य करने के बजाए सिर्फ खानापूर्ति की कार्यवाही की जाती है।
जानकारी के अनुसार इस बात की चर्चा है कि कटघोरा वनमंडल के पसान वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों के झुंड में से एक हाथी को जहर देकर ग्रामीणों ने मौत के घाट उतार दिया है। कहा जा रहा है कि पुलिस व वन विभाग से बचने के लिए ग्रामीणों ने एक राय होकर हाथी को दफन कर दिया था। घटना के कई घंटे बाद जब वन विभाग तक यह बात पहुंची तो हड़कंप मच गया। हालांकि की हाथी की मौत कैसे और किन कारणों से हुई है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि कटघोरा वनमंडल के वन परिक्षेत्र पसान में लगभग दो दर्जन से अधिक हाथियों का झूंड विचरण कर रहा है और जानमाल को नुकसान पहुंचा रहा है। विभाग सिर्फ कुछ हाथी मित्रों या अपने अधीनस्थ कर्मियों को मुनादी से कर्तव्यों की इतिश्री कर दी जाती है।
कटघोरा वन मंडल में आए दिन हाथियों की धमक बनी रहती है। इसकी जानकारी विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को रहती है। आरोप है कि यदि स्वयं कटघोरा वनमंडलाधिकारी निष्ठापूर्वक और अपने कर्तव्य के प्रति जागरूकता के साथ अपने कार्यों को करती तो शायद यह घटना नहीं होती। हाथी की मौत के मामले को लेकर जब वनमंडलाधिकारी कटघोरा प्रेमलता यादव से संपर्क साधा गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया और न ही किसी तरह की कोई जानकारी मिली। अब देखना होगा कि विभाग द्वारा हाथी के पोस्टमार्टम कराने के बाद क्या रिपोर्ट सामने आता है। यह अभी समय की गर्त पर है।