अंधविश्वास (तंत्र, मंत्र) : जब बात बकरे की खून से नही बनी : तब खुद के भतीजे, की बलि देकर किया,रक्त स्नान : पढ़े दिल दहला देने वाली घटना।

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पढ़े-लिखे आधुनिक सभ्य समाज में आज भी अंधविश्वास की जड़ें कितनी गहरी है, इसका जीता जागता उदाहरण सामने आया है। ‘नरबलि’ की इस घटना के बारे में जानकर आपकी आत्मा सिहर उठेगी।

‘नरबलि’ के लिए अक्सर चर्चाओं में रहने वाले बिहार, झारखंड या फिर किसी आदिवासी इलाके की यह घटना नहीं है और न ही देश के किसी अन्य दूर-दराज कम-शिक्षित ग्रामीण इलाके की है। ‘ नरबलि ‘ की यह शर्मनाक घटना हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली से चंद कोस की दूरी पर मौजूद उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की है जहाँ मासूम का कत्ल करके चाची ने खून तक पी डाला। वो बालक कत्ल की आरोपी महिला को (सगी चाची को) “छोटी मां” कहकर बुलाता था ।

तांत्रिक संग सगी चाची गिरफ्तार
मतलब इंसान अपनी खुशियों की खातिर, अपनों तक का खून पीने से बाज नहीं आ रहा है। क्या सही है ऐसी कलंकित काली कुरीति ‘नरबलि’? कब और कौन रोकेगा हिंदुस्तान में ‘नरबलि’ की इन घिनौनी घटनाओं को? नरबलि की इस घटना की पुष्टि घटना के तुरंत बाद अमरोहा के पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने भी की थी। उन्होंने बताया कि बच्चे के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार महिला प्रेमवती जो बच्चे की रिश्ते में चाची लगती थी, के साथ तांत्रिक नसीम को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।

यह घटना इसी साल जुलाई (सन् 2022) महीने की है। इस बाबत पुलिस ने थाना आदमपुर में कत्ल का मुकदमा दर्ज किया था। नरबलि की घटना मलकपुर गांव में घटी थी। गांव निवासी रमेशा का दो साल का बेटा यश, जो महिला मुलजिम प्रेमवती का रिश्ते में भतीजा लगता था, दोपहर के वक्त अचानक घर से गायब हो गया।

बेटे की चाहत में भतीजे की बलि
शक होने पर प्रेमवती को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उसने ‘नरबलि’ की खूनी कहानी बयान कर दी। वो कहानी जिसने पुलिस, कानून, खून के रिश्तों सहित, सबको ताक पर रख दिया था। प्रेमवती ने भतीजे यश के कत्ल की कहानी बयान करते वक्त बताया कि वो तीन-चार बार गर्भवती हुई। इसके बाद भी प्रेमवती को मां का सुख हासिल नहीं हो सका। तांत्रिक नसीम ने कहा था कि किसी बच्चे की “नरबलि” देगी तो प्रेमवती की कोख भर सकती है। लिहाजा अपनी सूनी कोख में मासूम की किलकारियां गुंजवाने के लिए अंधी प्रेमवती ने दो साल के भतीजे यश का अपहरण कर लिया।

उसके बाद तांत्रिक के कहे मुताबिक बालक यश को कत्ल करके न केवल प्रेमवती ने उसका खून पिया अपितु उसके रक्त से महिला ने तांत्रिक के कहने पर स्नान तक किया।

बच्चे के शव को टुकड़े कर जंगल में फेंके
नरबलि देने के बाद बच्चे के शव के टुकड़ों को महिला और तांत्रिक ने जंगल में फेंक दिया ताकि शव को जब जंगली जानवर खा जाएंगे तो, नरबलि दिलाने वाले तांत्रिक नसीम और नरबलि देने वाली प्रेमवती का कुछ बिगड़ना ही नहीं था। इतना ही नहीं क्रूरता पर उतरी आरोपी महिला कातिल प्रेमवती ने बच्चे के शव के छह टुकड़े भी किए। क्योंकि ऐसा करने के लिए उससे तांत्रिक नसीम ने कहा था। मासूम की ‘नरबलि’ की आरोपी प्रेमवती की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो वहां मौजूद थाना आदमपुर इंचार्ज राम प्रकाश शर्मा को गांव में कई और भी सनसनीखेज जानकारियां हासिल हुईं। जिनके मुताबिक, दो साल के मासूम बालक (भतीजे) यश की ‘नरबलि’ चढ़ाने की आरोपी प्रेमवती, यश से करीब एक महीने पहले बकरे की बलि भी दे चुकी थी। प्रेमवती ने बकरे के खून से स्नान किया था लेकिन बकरे की बलि भी जब कामयाब नहीं रही तब तांत्रिक नसीम के कहने पर प्रेमवती ने रिश्ते के भतीजे 2 साल के यश का अपहरण करके उसी की “नरबलि” दे डालने जैसा घिनौना षडयंत्र रच डाला।

पुलिस के मुताबिक, प्रेमवती ने इस घटना से पूर्व तीन बच्चों को जन्म दिया था।। वे तीनो ही जब जीवित नहीं रहे तो उसकी मां बनने की चाहत “खूंखार” हो उठी। उस हद तक की खूंखार कि जिसका आंखों पर परदा पड़ने के चलते, प्रेमवती ने किसी दूसरी महिला के जिगर के टुकड़े यानी अपने मासूम भतीजे यश को कत्ल करके उसका खून पीने व उसके खून से नहाने तक में संकोच नहीं किया।


यह उसी बदनसीब बालक दो साल के यश को “नरबलि” चढ़ा दिए जाने की सच्ची कहानी है, जो रिश्ते में चाची और यश के कत्ल की आरोपी क्रूर महिला प्रेमवती को “छोटी मां” कहकर बुलाया करता था।