रायपुर : छत्तीसगढ़ में पुलिस महकमे का शक्ति समीकरण बदला है। पूर्व पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने एंटी करप्शन ब्यूरो-ACB और आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो-EOW के मुखिया के तौर पर दमदार वापसी की है। संकेत साफ हैं कि इस मोर्चे पर पुलिस की सक्रियता बढ़ने जा रही है। ठीक एक साल पहले प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के सवाल पर अवस्थी को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटाकर राज्य पुलिस अकादमी का महानिदेशक बना दिया गया था।
इंडियन बैटरी के संचालक सैयद रफीक फोड़ रहे मुस्लिम जमात के कब्रिस्तान में सामाजिक पर्ची बम
वरिष्ठ प्रशासनिक सूत्रों की माने तो पिछले दिनों प्रशासन और पुलिस महकमें की समीक्षा के बाद से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ACB और EOW में लंबित मामलों को लेकर नाराजगी जताई थी। उसके बाद ऐसे अफसर की तलाश तेज हुई जो सरकार को परिणाम दे। यह तलाश पूर्व DGP डीएम अवस्थी पर जाकर खत्म हुई है। क्लियरेंस मिलते ही 1986 बैच के IPS अवस्थी को ACB-EOW का महानिदेशक बनाने का आदेश जारी कर दिया गया। इसके साथ यह भी तय कर दिया गया कि ACB-EOW का महानिदेशक पद, प्रतिष्ठा और जिम्मेदारी में पुलिस महानिदेशक के समकक्ष यानी बराबर का होगा।
छत्तीसगढ़ में औषधीय प्रजातियों के कृषिकरण कार्य को बढ़ावा
पिछले साल 9 नवम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस के कामकाज की समीक्षा की थी। इस दौरान रिपोर्ट देखकर वे काफी नाराज हुए। मुख्यमंत्री ने भरी बैठक में कह दिया, मुझे अब आप लोगों से कोई अपेक्षा नहीं बची है। बार-बार कहने के बावजूद पुलिसिंग में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा, उनके सब्र की परीक्षा मत लीजिए। सुधर जाइये नहीं तो मुझे सुधारना आता है। बाद में मुख्यमंत्री की नाराजगी की वजह भी सामने आई। बताया गया, सड़कों पर हो रही चाकूबाजी, जुआ-सट्टा का अवैध कारोबार, चिटफंड पर कार्रवाई में ढिलाई और ओडिशा से गांजा तस्करी रोक पाने में पुलिस की नाकामी की वजह से उनका गुस्सा फूटा था। ठीक दो दिन बाद सरकार ने पुलिस महानिदेशक पद से अवस्थी की छुट्टी कर उनसे तीन साल जूनियर 1989 बैच के अशोक जुनेजा को महकमे का मुखिया बना दिया।