कोरबा/कटघोरा :- वनमंडल में हो रहे भ्रष्टाचार होंगे उजागर…नपेंगे दोषी अधिकारी कर्मचारी/ मजदूरी भुगतान मामले में होगी बड़ी कार्यवाही… जांच कमेटी गठीत…PCCF श्रीनिवास राव

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कोरबा/कटघोरा।।

कटघोरा वन मंडल वन मंडल अंतर्गत वन परीक्षेत्र मैं नरवा विकास योजना से 39 स्टॉप डेम और कैंपर मत से 39 स्टॉप डेम का निर्माण वन विभाग से उस समय कराया गया था। जिस समय प्रेमलता यादव की जांजगीर चांपा से स्थानांतरण पश्चात कटघोर वन मंडल पद स्थापना हुई थी। उपरोक्त कार्य पूर्ण भी नहीं हो पाया है कि क्योंकि उतना ही कार्य हुआ है। जितने के निर्माण सामग्री का भुगतान अग्रिम निकाला गया था।यदि वर्तमान  में शेष सामाग्री प्रदाय की होती तो कार्य पूर्ण भी हो जाता बीते 1 वर्ष से अधिक हो गए हैं, ना तो कार्य पूर्ण कराने से सामाग्री प्रदाय किया गया और ना ही हुए कार्य में नियोजित मजदूरों का भुगतान किया गया।

1 साल से जांच जांच का बहाना कर मजदूरी भुगतान नहीं करना शायद डीएफओ प्रेमलता यादव को महंगा पड़ते दिख रहा है।

मजदूरी भुगतान की शिकायत वी श्रीनिवास से विगत दिनों की थी जवाब में श्री निवास द्वारा मजदूरी भुगतान को गंभीरता से लेते हुए अपने पत्र क्रमांक 2224 अटल नगर नया रायपुर दिनांक 21/04/23 में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है। भुगतान नहीं होने के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाए। दूसरी ओर मजदूरी भुगतान को लेकर सैकड़ों पीड़ित मजदूरों के साथ वृहद रूप से वन मंडल कार्यालय का घेराव किया गया नतीजा नहीं आने पर पुनः मजदूर दिवस 1 मई को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। जानकारी प्राप्त
हुई है कि मजदूरी भुगतान के लिए फिर से मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर द्वारा 4 सदस्य टीम बनाया गया है। मसलन मामले को ठंडा करने यह पुराना हथकंडा अपनाया या गया है जब-जब मजदूरी या सप्लायर ओ द्वारा निर्माण सामग्री की मांग किए हैं तब तक जांच कमेटी बनाकर जांच कराने के बहाने पाला जाता रहा है जिस कारण वन विभाग की जांच और कार्यवाही के प्रति लोगों में विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है गौरतलब हो कि उपरोक्त निर्मित डैम के गुणवत्ता की जांच पहले गुणवत्ता नियंत्रण इकाई कुर्बानी किया उसके बाद द्वारा विकास इंजीनियर ने जांच कर जांच प्रतिवेदन दिया उसके बाद एसडीओ जांजगीर-चांपा और मुंगेली ने किया जिसका जांच प्रतिवेदन जमा है वर्तमान में एक बार फिर 4 सदस्य जांच टीम बनाया गया है इसका अर्थ लोग यही समझ रहे हैं कि मजदूरों तथा अन्य भुगतान को टालने का एक बार फिर से बहाना ढूंढ लिया हो परंतु सवाल यह उठता है जितने भी जांच टीम ने पहले जांच कर प्रतिवेदन दिया है उसका क्या उन पर कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाएगा कि जिसने अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन क्यों नहीं किया इस पर संज्ञान उच्च अधिकारियों को लेकर कार्यवाही किया जाना चाहिए

मजदूरी भुगतान के लिए चौथी बार जांच कमेटी गठित।

कटघोरा वन मंडल अंतर्गत जेड वन परिक्षेत्र में नरवा विकास योजना से स्टॉप डेम पेपर भावना नाला पी 279 पीपल भावना नाला त्रिकुटी 279 एवं पेपर भावना नाला डेम चेक mp28 का कार्य संपादित कराया गया है इसी तरह कैंपर मत से निर्माणाधीन स्टॉप डेम डबरा थाना डबरा पी 255 बजरंग नाला स्टॉप डेम 267 तथा स्टाफ डेम कव्वाली 269 का कार्य हुआ है जिस की गुणवत्ता की जांच वर्तमान डीएफओ के मंदसौर रूप का स्तर पर हो चुका है अंत में एसडीओ जांजगीर चांपा एसडीओ मुंगेली की संयुक्त टीम के द्वारा भी जांच कर लिया गया है नरवा विकास इंजीनियर कोरबा एवं कटघोरा के द्वारा भी किया जा चुका है जिसका कार्य सही और भुगतान योग्यता प्रतिवेदन भी जमा है निर्माण सामग्री का 70% भुगतान भी अग्रिम हो चुका है लेकिन आदिवासी बहुल क्षेत्र के 200 मजदूरों की चार चार माह की मजदूरी 12 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है।

कई बार मजदूर वन मंडल के चौखट पर अपना माथा फोड़ चुके हैं परंतु शिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला है और हर बार जांच कराने झांसा देकर चला जा रहा है वैसे भी मजदूरों को कार्य की गुणवत्ता से कोई लेना-देना नहीं होता है तो अपने मेहनत की मजदूरी से मतलब होता है चुनावी वर्ष में मजदूरों के भुगतान के प्रति डीएफओ श्रीमती प्रेमलता यादव की उदासीनता निश्चित ही कांग्रेस की छवि धूमिल कर रही है गौरतलब हो कि इस मामले से जुड़े मजदूर तथा शटरिंग सामग्री सप्लायर के मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर श्री चंदेल जी को कई बार अवगत कराया जा चुका है।