जम्मू कश्मीर : जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम भंडार मिलने के बाद अब एक आतंकी संगठन ने सोमवार को धमकी भरा लेटर जारी किया है। दरअसल मिली जानकरी के मुताबिक, पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने लेटर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के संसाधनों की चोरी करने की अनुमित नहीं देगा। ये संसाधन जम्मू-कश्मीर के लोगों के हैं, इन्हें स्थानीय लोगों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
दरअसल, 10 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम का भंडार मिला था। इसकी कैपेसिटी 59 लाख (5.9 मिलियन) टन है। लिथियम के साथ ही सोने के 5 ब्लॉक भी मिले हैं। लिथियम (G3) की यह पहली साइट है, जिसकी पहचान जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में की है। लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल (अलौह धातु) है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) समेत अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। यह एक रेअर अर्थ एलिमेंट है। भारत लिथियम के लिए अभी पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है।
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वहीँ जानकारी के मुताबिक बता दें, भारत अपनी जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है। 2020 से भारत लिथियम आयात करने के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर रहा। भारत अपनी लिथियम-ऑयन बैटरियों का करीब 80% हिस्सा चीन से मंगाता है। भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए अर्जेंटीना, चिली, ऑस्ट्रेलिया और बोलिविया जैसे लिथियम के धनी देशों की खदानों में हिस्सेदारी खरीदने पर काम कर रहा है।
62वीं CGPB की मीटिंग के दौरान GSI ने लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज के ब्लॉक्स की रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी। इनमें से 5 ब्लॉक सोने के भंडार हैं। इनके अलावा, पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल से जुड़े हुए हैं। ये मेटल्स 11 राज्यों के अलग-अलग जिलों में मिले हैं। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।