श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डूबकी, भगवान नर-नारायण का किया दर्शन,
समनोकामना पूर्ण होने की आस में लोट मारते पहुंचे श्रद्धालुK
जांजगीर-चांपा।
धार्मिक एवं आध्यात्मिक नगरी शिवरीनारायण में माघी पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्री तक लगने वाले पंद्रह दिवसीय मेला की शुरुआत रविवार 5 फरवरी को स्नान दान के साथ शुरु हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान कर भगवान नर-नारायण का दर्शन किया। श्रद्घालु अपनी मनोकामना पूर्ण होने की आस में यहां लोट मारते दूर – दूर से पहुंचे थे। इसके बाद लोगों ने मेले में सिनेमा, मौत का कुआं, झूला व झांकी का आनंद लिया।
टेम्पल सिटी शिवरीनारायण में माघ पूर्णिमा से पंद्रहदिवसीय मेला लगता है। यहां पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर भगवान नर नारायण का दर्शन किया। कतार में खड़े लोग दर्शन के लिये अपनी बारी का इंतजार करते रहे। स्रान के लिये सभी घाट में लोगों की भारी भीड़ रही। लोग शनिवार की शाम एवं रात तक यथायोग्य सुविधानुसार यहां चलकर आये वहीं कई लोग लोट मारते यहां पहुंचे। मठ मंदिर में पहुंचे साधु-संतों का भजन-कीर्तन एवं प्रवचन रातभर चलता रहा। नगर के केंवट मंदिर, मरार मंदिर, दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, अन्न΄पूर्णा मंदिर, राम-जानकी मंदिर सहित सभी देवालयों में ढोलक मंजीरे के साथ भजन-कीर्तन और रामायण की लहरियां गूंज रही थी। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर जिले के सभी थानों से यहां पुलिस बल की तैनाती की गई है। नदी-घाटों में बांस बेड़ा के साथ प्रकाश की व्यवस्था की गई थी। लोगों ने मनोरंजन के लिये आए सिनेमा, झूले, मीना बाजार, मौत का कुंआ का आनंद लिया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन ओडिसा के पुरी से भगवान जगन्नाथ चलकर शिवरीनारायण के मुख्य मंदिर में विराजते हैं। इस तरह शिवरीनारायण दो राज्यों की आस्था का केन्द्र है। यहां ओडिसा से भी भक्तगण बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। माघ पूर्णिमा के अवसर पर यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। वहीं लोट मारते पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए नारायण सेवा समिति द्वारा 25 वर्षों से जलपान व दवाईयां की व्यवस्था की जा रही है। इस वर्ष भी समिति द्वारा व्यवस्था की गई है।
भगवान का हुआ आकर्षक श्रृंगार-नर नारायण भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया था। इसमें रत्न जड़ित मुकुट, नए स्वर्ण आभूषण तथा आकर्षक परिधनों व फूल-मालाओं से भगवान के गर्भ गृह को सजाया गया था।
शिवरीनारायण मठ मंदिर के मठाधीश राजेश्री महंत की अगुवाई में साधु संत त्रिवेणी सगंम में आस्था की डुबकी लगाई। शाही स्नान करने के बाद बाजे-गाजे के साथ पूरे नगर भ्रमण किया।