मंदिरों से ताम्बे का नागदेव,लोटा, त्रिशूल, गुंबज चोरी का सिलसिला

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कोरबा//
उर्जाधानी में यूं तो चोरी जैसी वारदातों का सामने आना कोई नई बात नहीं है. फिर वह चाहे औद्योगिक संस्थानों से कबाड़ या डीजल की चोरी हो, कोयला खदानों से कोयले की या फिर आम लोगो के घरो से कीमती सामने की चोरी. पुलिस के सामने आये दिन चोरी की शिकायते पहुँचती रहती है. ज्यादातर मामलो में पुलिस मशरूका की जब्ती के साथ आरोपियों की भी धरपकड़ में कामयाब रहती है तो कभी-कभी चोर पुलिस की नजरों से बच निकलते है. जिले के लिए सबसे बड़ी चुनौती संगठित तौर पर होने वाली चोरी को रोकने की रही है. इनमे डीजल और खनिज संसाधनों की चोरियां शामिल होती है.
लेकिन इन दिनों कोरबा के शहरी इलाको में एक अलग तरह की चोरी सुर्ख़ियों में है. दरअसल सार्वजनिक मंदिरो से इन दिनों अज्ञात चोर धातु के त्रिशूल, लोटे और ताम्बे के सांपो पर हाथ साफ़ कर रहे है. हालांकि इनमे से किसी भी मामले में पीड़ितों ने पुलिस से कोई लिखित शिकायत नहीं की है बावजूद इन दिनों आधे दर्जन के करीब ऐसे मामले सामने आ चुके है जब चोर या फिर इनका गिरोह मंदिरो को निशाना बना रहे है. वे मौका पाकर निजी और सार्वजनिक मंदिरो से धातु के सामानो पर हाथ साफ कर रहे है.
ताजा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के गांजा गली का है. यहाँ रविवार की दरमियान रात चोरो ने सुरीत देवांगन के मंदिर से ताम्बे का लोटा, त्रिशूल, ताम्बे का नागदेव और एक छोटे गुम्बज को पार कर दिया. सुरीत ने इसकी रिपोर्ट नहीं लिखाई. उसने घटना की जानकारी अपने साथियों को दी. सूरत के साथी अपने स्तर पर सामानो की खोजबीन कर ही रहे थे घर से थोड़ी दूर पर उन्हें झाड़ियों में कुछ धातु के सामान चमकते नजर आएं. पास जाने पर उन्होंने पाया की झाड़ियों के बीच लोटा, ताम्बे का सांप और कुछ मंदिरो के सामान है. दोस्तों ने सामान मिलने की ख़ुशी में सुरीत देवांगन को फोन किया और मौके पर बुलाया. लेकिन जब सुरीत ने उन्हें देखा तो बताया की वह सामान उसके मंदिर के नहीं है. उसके सामान छोटे और हलके किस्म के थे जबकि झाड़ियों में पड़ा मिला सामान भारी और ठोस है. इसके बाद इसकी सूचना मानिकपुर चौकी स्टाफ को दी गई और सभी सामान उनके सुपुर्द कर दिया गया. अब सवाल यह उठता है की अगर वह लोटा और सांप सुरीत के नहीं थे तो किसके थे? किसने, किस मंदिर से उन सामानो को पार किया था और उसे झाड़ियों में क्यों फेंक दिया था? पुलिस ने लोटे और ताम्बे के सांप के मालिक की तलाश शुरू कर दी है. आशंका जताई जा रही है की किसी चोर ने उन्हें छिपाने के मकसद से झाड़ियों के बीच ठिकाने लगा दिया था.
इस बारे में सूरत देवांगन ने बताया की मंदिरो से इस तरह के धातुओं के सामने की चोरी के कई मामले सामने आ चुके है लेकिन किसी भी मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है. कुछ दिन पहले चोरो ने इसी तरह से वैष्णो दरबार के सामानो को पार कर दिया था. उनमे भी कोई कीमती सामान नहीं बल्कि लोटा, त्रिशूल और सांप शामिल था. देवांगन के मुताबिक़ इन वारदातों को या तो नशेड़ी किस्म के युवक अंजाम दे रहे है या फिर तंत्र-मन्त्र साधना से जुड़े लोग या फिर कोई मानसिक विक्षिप्त. अब पुलिस के सामने ऐसे चोरो की धरपकड़ एक चुनौती बन गई है.