जटगा वन परिक्षेत्र में 242 पेड़ो की कटाई

72
  • गुपचुप तरीके से आरोपियों को किया गया न्यायालय में पेश 
  • कटघोरा वनमंडल का मामला।

कटघोरा।
एक बार फिर कटघोरा वनमंडल की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में हैं। वैसे तो हमेशा से कटघोरा वनमंडल अवैध कटाई का मामला हो या हाथी की मौत का चर्चाएं आम होती है। कटघोरा वमंडलाधिकारी प्रेमलता यादव जब से पदभार संभाली हैं तब से इसी तरह के मामलों में सुर्खियां बटोर रही हैं। अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार को जटगा वन परिक्षेत्र के त्रिखुटी में कुछ लोगों के द्वारा 242 कीमती पेड़ों की अवैध कटाई की गई है। इतने पेड़ो की कटाई होने के बाद भी अधिकारियों को भनक नहीं लग पाती है यह कही न कही संदेह को जन्म देती है। जब तक इस मामले का पता चल पाता है तो अधिकारियों दौड़े भागे आरोपियों में तलाश में जुट जाते हैं और आरोपियों मंगल धनवार, रामेश्वर पाण्डो व पदुम कश्यप को किसी तरह पकड़ कर न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल करा देते हैं।


मुख्यालय में नहीं रहते वन परिक्षेत्राधिकारी


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्राधिकारी मनीष सिंह अपने मुख्यालय में निवास नहीं करते हैं जिसकी वजह से वनों की कटाई व शिकार करने वालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं।

डीएफओ की नहीं है कर्मियों को लगाम

डीएफओ के अप डॉउन करने के कारण कर्मचारी निरंकुश हो गए हैं विभाग की व्यवस्था बिगड़ी हुई है जिससे वन विभाग का कामकाज ठप्प होते जा रहा है