कोरबा// मानवता फिर हुई शर्मशार… नवजात की मौत के बाद शव ले जाने नही मिल सका एम्बुलेंस की सुविधा… मीडिया के फटकार के बाद, मेडिकल प्रबंधन हरकत में आया…..पढ़े मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना।

38

कोरबा.बच्चे को जन्म देने के बाद मां इस दुनिया से चल बसी। मां का साथ छूटने के बाद नवजात अपने रिश्तेदारों की छत्रछाया में सांसे ले रहा था लेकिन यह सिलसिला बहुत लंबा नहीं चल सका। कुछ समय से दूध पीना बंद करने के बाद उसका कनेक्शन सांसो से टूट गया। बच्चे की मौत के बाद शव को गांव ले जाने के लिए रिश्तेदार काफी परेशान हुए। मीडिया की दखल के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कड़ी फटकार लगाई, तब कहीं जाकर राहत मिल सकी।

धर्मजयगढ़ की रहने वाली अमली बाई इस बच्चे की रिश्तेदार हैं जो अब इस दुनिया में नहीं रहा। इस महिला ने कई घंटे तक बच्चे का शव यूं ही थामा रहा और इंतजार करती रही एंबुलेंस वाहन का। 30 अक्टूबर को इस बच्चे की मां कलावती की सांसे उखड़ गई थी जिसने कुछ घंटे पहले बच्चे को जन्म दिया था। गुरमा गाव मैं हुई घटना के बाद नवजात उसके पालन-पोषण के लिए रिश्तेदार उसे अपने पास रखे हुए थे। बताया गया कि बच्चे ने दूध पीना बंद कर दिया था । बच्चे की मौत के बाद असली परेशानी खड़ी हुई। कई मौके पर एंबुलेंस को फोन करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला।

अमलीबाई ने बताया कि वे लोग काफी गरीब हैं और उनके पास गांव तक वाहन करने के लिए रुपया नहीं है। इसलिए सुबह से ही बच्चे का शव लेकर यहां बैठना पड़ा है। इससे पहले बच्चे की मां कलावती के प्रसव के दौरान भी समय पर एंबुलेंस नहीं मिल सकी थी इसलिए भी कई प्रकार की समस्याएं हुई । एम्बुलेंस सर्विस के प्रमुख राज गेहानि से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उनका कहना था कि केवल मां और बच्चे के ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी हमारी है डेड बॉडी की नहीं।

इधर 1 महीने से भी कम समय के नवजात के शव के साथ परेशान हो रहे परिजनों को देखकर मीडिया हरकत में आई और एंबुलेंस सेवा की लापरवाही के बारे में मेडिकल अधिकारियों को बताया। इसके बाद तंत्र यहां पहुंचा और संबंधित चालकों को कड़ी फटकार लगाई जिसके बाद आनन-फानन में मुक्तांजलि वाहन के जरिए बच्चे का शव उसके गांव भिजवाया जा सका।

पिछले काफी दिनों से एंबुलेंस सेवाओं की लापरवाही लगातार सामने आ रही है और इसे लेकर अलग-अलग तरह से सफाई देने का प्रयास किया जा रहा है। सवाल इस बात का है कि आखिर सेवा प्रदाता अपनी जिम्मेदारी के प्रति उदासीनता क्यों दिखा रहे हैं