कोरबा।।
एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में शनिवार के शाम आए सैलाब में लापता अधिकारी की खोजबीन जारी है। फिसलन और घटाटोप अंधेरे के कारण मिट्टी और पानी में कहीं खो गए अधिकारी तक अभी एसडीआरएफ और अन्य खोजी दल नहीं पहुंच सके । उजाला हो जाने के बाद खोजबीन तेज हो गई है।
इस घटना के विषय में बताया जाता है की पांच अधिकारी कर्मचारी कुसमुंडा खदान में अपने कर्तव्य निर्वहन में लगे थे तभी अचानक ओवर बर्डन का पानी मिट्टी के साथ तीव्र गति से सैलाब की शक्ल लेकर बहने लगा। पानी की गति इतनी तेज थी कि उसमें फंस गए अधिकारियों कर्मचारियों को संभाले रखना बड़ा मुश्किल हो गया। काफी देर तक सैलाब से संघर्ष चलता रहा। जितेंद्र नागरकर नामक अधिकारी को छोड़कर बाकी अपने प्राण बचाने में सफल हो गए। 3 साल पहले ही महाराष्ट्र चंद्रपुर से ट्रांसफर होकर कुसमुंडा आये जितेंद्र की तलाश के लिए एसडीआरएफ और खदान की कई टीमें उनकी तलाश में जुटी हुई है।
फिसलन और अंधेरे के कारण रात में तो जितेंद्र को खोज पाने में सफलता नहीं मिली।अब उजाले में फिर से युद्ध स्तर पर तलाश शुरू हो गई है