कटघोरा वनमंडल बना भ्रष्टाचार का अड्डा

45
  • कार्यवाही के अभाव में डीएफओ से लेकर अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी कर रहे जमकर घोटाला..

कोरबा//
कटघोरा वन मंडल में हो रहे अधिकांश भ्रष्टाचार विभाग में बैठे उच्च अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिससे इस वन विभाग के आला व अधीनस्थ अधिकारियों से लेकर जमीनी स्तर के कर्मचारियों तक सभी खुलेआम भ्रष्टाचार करते हुए दोनों हाथों से योजनाओं की राशि गबन करने में लगे हुए हैं। जिससे कई बहुउद्देश्यीय वन विकास योजनाएं दम तोड़ रही हैं, लेकिन हो रहे घोटाले वन विभाग के अधिकारियो को दिखाई नहीं दे रही हैं। उनके भ्रष्ट कारनामों के चलते कटघोरा वन मंडल में कमीशनखोरी का सिलसिला, जो पूरे राज्य में खूब सुर्खियां बटोर रहा है, थमने का नाम नहीं ले रहा है। चाहे वन मंडल के अंतर्गत कोई भी  निर्माण कार्य हों या वेतन भुगतान, शीर्ष, अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी हर तरफ से अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं। कटघोरा वनमंडलाधिकारी के रूप में प्रेमलता यादव को शासन स्तर पर यहां की जवाबदारी सौंपे जाने के बाद से ही होने वाले अनेक घोटाले दर घोटाले तो जग जाहिर है, इसके उपरांत भी सिलसिले वार किए जा रहे घोटालेबाजी पर तनिक भी रोक नही लग पाना शासन स्तर के निष्क्रियतापन या मौन सहमति को उजागर करता है।  कटघोरा वनमंडल अंतर्गत ग्रीन इंडिया मिशन योजना में करोड़ो का फर्जीवाड़ा किया गया है। और ऐसा क्यों न हो… जब डीएफओ सहित भ्रष्ट्र अधिकारियों पर उच्च स्तर का संरक्षण हो तो भला कार्रवाई की हिमाकत कौन करें, और यदि करें भी तो खानापूर्ति स्वरूप छोटे स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज गिराकर अपने हाथों खुद अपनी पीठ थपथपाने जैसा रिवाज देखने को मिलता है। ऐसा नही है कि घट रही घटनाओं को जनता भी नही जानती, बल्कि शासन- प्रशासन से कहीं ज्यादा आम जनता समझने लगी है। देखना दिलचस्प होगा की वन विभाग किस तरह से इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करता है।